चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी एक बार फिर अपने पद पर बहाल हो गई हैं। सरकार ने 10 जनवरी को भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए रजनी भंडारी को बर्खास्त करने का आदेश दिया था। सरकार के आदेश के खिलाफ रजनी भंडारी ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पद पर बहाल करने का आदेश जारी किया।
हाईकोर्ट के फैसले को कांग्रेस ने बीजेपी सरकार के मुंह पर करारा तमाचा करार दिया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार ने साजिश के तहत रजनी भंडारी को हटाया मगर कोर्ट ने अब दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है।
कोर्ट में क्या हुआ?
हाईकोर्ट में आज पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चमोली रजनी भंडारी द्वारा साल 2012-13में नंदा राज जात यात्रा के दौरान की गई अनियमिताओं की जांच को रोकने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने जांच पर रोक लगाते हुए रजनी भंडारी को बहाल कर दिया है जिसे रजनी भंडारी की बड़ी जीत हुई है। जांच के बाद सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था. जिसके बाद रंजनी भंडारी ने अपनी याचिका में सरकार के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी।
रंजनी भंडारी ने अपनी याचिका में कहा है कि सरकार ने जांच करने में पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों का पालन नहीं किया है. जांच में भी पंचायती राज नियमावली का उल्लंघन किया गया है. पंचायतीराज नियमावली के अनुसार अनियमितता होने पर पहले जिला अधिकारी द्वारा प्रारंभिक जांच की जानी थी, लेकिन जिलाधिकारी द्वारा खुद जांच न करके सीडीओ को जांच सौप दी गई।

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