केदरानाथ धाम की यात्रा शुरू होने से पहले नया संकट गहरा गया है। केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य के तहत भवनों के आगे गड्ढों बनाने से नाराज केदारसभा, तीर्थपुरोहित समाज और हक-हकूकधारियों ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तहरीर री है। SP रुद्रप्रयाग को दी गई तहरीर में मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की गई है। कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने आगामी 10 मई से केदारनाथ में अनिश्चितकालीन बंद की चेतावनी दी है।
केदारनाथ के कपाट भी 10 मई को खुल रहे हैं। केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने बताया कि जून 2013 की आपदा के बाद से केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य चल रहे हैं। इन कार्यों में केदारनाथ से जुड़े लोग प्रशासन का हरसंभव सहयोग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन पुनर्निर्माण के नाम पर मनमानी कर उनके हक-हकूकों व अधिकारों के साथ खिलवाड़ कर रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ दिनों से केदारनाथ में तीर्थपुरोहित और हक-हकूकधारियों के आवासीय, व्यवसायिक भवनों के आगे गड्ढे किए जा रहे हैं, जो समझ से परे हैं। इन गड्ढों से उनके भवन को खतरा पैदा हो गया है। इस बारे में अधिकारी-कर्मचारियों से पूछने पर उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। नाराज लोगों ने कहा कि केदारघाटी के सैकड़ों परिवार यात्रा पर निर्भर हैं। केदारनाथ में उन्हें भूमिधरी का अधिकार मिला है, लेकिन वर्तमान में वो जमीन उनके कब्जे में नहीं है। प्रशासन जब चाहे तब उन्हें बिना वजह परेशान कर रहा है।
केदारसभा की बैठक में बड़ा फैसला
प्रशासन की मनमानी से नाराज़ केदारसभा ने बैठक के जरिए आगे की रणनीति तैयार की है। इसके तहत 10 मई को केदारनाथ में सभी व्यापारी अपने होटल, लॉज, ढाबा, दुकान भवन और विश्राम गृह बंद रखेंगे। खास बात ये है कि 10 मई को ही बाबा केदार के कपाट खुलने हैं। ऐसे में पहले दिन ही अगर वहां हड़ताल हो गई तो यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
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