उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लेने वाली कुमारी ज्योति सेठिया का निधन हो गया है। ये जानकारी देते हुए चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि वो 50 वर्ष की थीं। उन्होंने अपनी जवानी के सबसे अच्छे दिन उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में लगाए।
वो उसके बाद छोटे राज्यों के संग के समन्वयक के रूप में उन्होंने छत्तीसगढ़ झारखंड विदर्भ बोडोलैंड जैसे छोटे राज्यों की स्थापना को लेकर भी संघर्ष में भाग लिया । प्रताप ने बताया कि ज्योति सेतिया अनेकों बार राज्य आंदोलन में गिरफ्तार हुई थी। परंतु दुर्भाग्य से उनका चिन्हीकरण नहीं हो सका। धीरेंद्र प्रताप कहा कि यद्यपि वे पंजाब की रहने वाली थीं लेकिन उत्तराखंड राज्य को एक छोटा राज्य के रूप में बनाए जाने की समर्थक थीं।
उन्हें कुछ समय के लिए केंद्रीय सरकार में बाल संरक्षण विभाग का उपाध्यक्ष बनने का भी सौभाग्य मिला । उनका निधन हृदय गति के रुक जाने से हुआ। राज्य आंदोलनकारी हरिपाल रावत ,लोक दल के महासचिव मनमोहन शाह कांग्रेस के महासचिव राजेंद्र शाह टिहरी के विधायक किशोर उपाध्याय उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, समेत अनेक नेताओं ने ज्योति मनोज डंगवाल ने भी सेतिया के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उत्तराखंड आंदोलन में उनके योगदान को अविस्मरणीय बताते हुए कहा है कि उन्होंने उत्तराखंड आंदोलन में उल्लेखनीय योगदान दिया उनका निधन असामयिक था इससे सभी आंदोलनकारी में दुख की लहर है । राज्य अंआनदोलनकारी कुशाल जीना अनिल पेत प्रेम धोनि ,बाली मनराल पुष्पा घुघतयाल, उमा जोशी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है
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