पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आज सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए। हरीश रावत ने खराब सेहत का हवाला देकर पेशी से इनकार कर दिया। साथ ही वकील के जरिये अपना जवाब भेजा। वहीं हरीश रावत ने नाम लिए बिना इशारों ही इशारों में हरक रावत पर हमला बोला। हरीश रावत ने कहा कि अगर पूरे मामले में दलबदल कओ लेकर उन्हें परेशान किया जा रहा है तो दलबदल करने वाले एक और दलबदल कर चुके हैं। हरीश रावत का ये हमला सीधे हरक रावत पर ही माना जा रहा है। शहरीश रावत को आज आवाज़ का नमूना देने के लिए सीबीआई हेड क्वार्टर जाना था इसके लिए सीबीआई ने बीते दिनों अस्पताल जाकर ही हरीश रावत को नोटिस भी दिया था लेकिन पूर्व सीएम ने खराब सेहत की वजह से सीबीआई के सामने आज पेशी से इनकार कर दिया।
हरीश रावत ने क्या लिखा?
हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर लिखा “CBI ने आज मुझे दिल्ली अपने हेड क्वार्टर में Voice टेस्ट देने और कुछ प्रारंभिक जांच के लिए बुलाया है। जब जौलीग्रांट हिमालयन हॉस्पिटल में मुझे यह नोटिस सर्व किया जा रहा था, तो मैंने उसी नोटिस में यह आग्रह की प्राप्ति स्वीकार्य करते हुये यह आग्रह भी लिख दिया था कि शायद मैं एकाध महीने तक घंटों बैठकर जांच और इतनी लंबी यात्रा के लायक सक्षम नहीं रहूंगा। कल मैंने लिखित तौर पर भी आवेदन CBI के हेड क्वार्टर में भेज दिया है। आज मैं अपने अधिवक्ता के माध्यम से भी इस निवेदन को सीबीआई तक पहुंचाऊंगा। मेरे कई मित्र सुबह से मुझे टेलीफोन कर अपनी चिंता कर व्यक्त कर चुके हैं, जिनमें राज्य के वरिष्ठ नेता श्री शूरवीर सिंह सजवाण जी भी हैं। मैं अपने शुभचिंतकों से यह अवश्य आग्रह करना चाहूंगा कि वो लोगों से इस बात की चर्चा करें कि आखिर #HarishRawat पर किस अपराध के लिए CBI की जांच हो रही है !! यदि मामला दल-बदल को लेकर के है तो दल-बदल करने वाले अब और दल-बदल कर चुके हैं, और जब तक यह मामला अपने तार्किक परिणीति तक पहुंचेगा तब शायद कुछ और करवटें भी इस सारे प्रकरण में दिखाई देंगी। माननीय हाई कोर्ट और माननीय सुप्रीम कोर्ट, जो सर्वोच्च निर्णय कर्ता हैं वह इस सारे प्रकरण पर अपना निर्णय दे चुके हैं। राज्य की जनता भी दो बार उसके बाद नई सरकारों का गठन कर चुकी है। आखिर ऐसी कौन सी खुन्नस है जो वर्तमान सत्ता, हरीश रावत से निकालना चाहती है जिसके लिए सीबीआई की जांच को माध्यम बनाया जा रहा है! यह तथ्य तो सार्वजनिक होना चाहिए।
मैं कांग्रेस के लिए दधीचि के समान हूं। मेरे खिलाफ कोई भी उत्पीड़न कांग्रेस को शक्ति देगा। मुझे संतोष है, यदि मैं कांग्रेस को जीताने का काम और स्वयं चुनाव न जीत सका हूं। यदि कांग्रेस को मेरे खिलाफ सतत चल रही कार्रवाई से कुछ राजनीतिक लाभ प्राप्त होता है तो मेरे शुभचिंतक इसको राज्य की राजनीति में मेरा एक और छोटा सा ही सही योगदान मानकर के चलें।”
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