लद्दाख में T- 72 टैंक को श्योक नदी पार करवाते वक्त हुए भारतीय सेना के 5 जवान श्योक नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण शहीद हो गए, देश सेवा में शहीद हुए 5 जवानों में एक शहीद डीएफआर भूपेंद्र नेगी उत्तराखंड राज्य के पौड़ी जिले का रहने वाला था जिसने देश हित में अपने प्राण न्योछावर कर दिए, भूपेंद्र की शहादत की खबर भूपेंद्र के गांव बिशल्ड पहुंचने के बाद से गांव में शोक की लहर छाई है और पूरा गांव और पौड़ी जिले भूपेंद्र की शहादत से दुख में है।
पौड़ी जिले के बिशल्ड गांव का लाल डीएफआर भूपेंद्र नेगी देश सेवा में शहीद हो गया भूपेंद्र नेगी अपने पीछे अपनी तीन बहन अपने पिता, और पत्नी 2 बेटी और 1 बेटे को पीछे छोड़ दुनिया को अलविदा कहा गए।
गांव में शोक की लहर
भूपेंद्र की शहादत से गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी है भूपेंद्र का पिता उनके पत्नी और उनके 2 बेटी और एक बेटा देहरादून में रहते हैं लेकिन भूपेंद्र को अंतिम विदाई देने पर परिजन गांव पहुंच गए है। जिनका रो रो कर बुरा हाल है, भूपेंद्र 18 साल से सेना में सेवा दे रहे थे उनकी प्रारंभिक पढ़ाई गांव में ही हुई जबकि इंटरमीडियट की पढ़ाई उन्होंने पाबौ से की और फिर वे देश की सुरक्षा के लिए सेना का हिस्सा बने, शहीद भूपेंद्र खुश मिजाज सैनिक था उनका सोशल मीडिया अकाउंट इसकी गवाही दे रहा है बीते साल जुलाई में ही भूपेंद्र गांव आये थे और अपने प्रमोशन की खबर अपने दोस्त को सुनाया जिस पर दोस्त ने उन्हे बधाई दी लेकिन उनके दोस्त को नहीं पता था की भूपेंद्र नेगी आखरी बार गांव पहुंचा है इससे बाद उनके शहादत की खबर ही गांव तक पहुंची गांव के ग्रामीणों का अब भी अहसास नही हो रहा की भूपेंद्र उन्हे अलविदा कह गया। भूपेंद्र के जाने से उनके परिवार और ग्रामीणों का रो रोकर बुरा हाल है भूपेंद्र का पार्थिव शरीर कल उनके गांव पहुचेंगा जहां सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई पाबौ घाट में दी जाएगी।
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