उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग से तबाही के लिए राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग की जवाबदेही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को तय करनी चाहिए। ये आवश्यक है कि मुख्यमंत्री आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव जो पूरी आपदा में गायब हैं उनकी जवाब देही तय करें ये बात उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कही।
उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में राज्य के अनेक हिस्सों में हुई वर्षा एवं बर्फबारी के कारण जंगलों की आग में कुछ हद तक काबू पा लिया गया लेकिन ये ईश्वरीय कृपा है और इसमें सरकार आपदा प्रबंधन विभाग या वन विभाग की कोई बहुत बड़ी भूमिका नहीं है इसलिए सरकार को अपनी पीठ थपथपाने की आवश्यकता नहीं है।
सरकारी सिस्टम पूरी तरह फेल- धस्माना
धस्माना ने कहा कि सरकारी सिस्टम की घोर लापरवाही के कारण राज्य का डेढ़ हजार हैक्टेयर जंगल पहले ही इस वर्ष की वानग्नि में स्वाह हो चुका है और इसके कारण अन्य पर्यावरणीय समस्याएं खड़ी होंगी जिसमें जल स्रोतों का सूखना और कार्बन उत्सर्जन के कारण ग्लेशियरों का पिघलना और रैणी जैसी आपदाओं के आने की संभावनाओं का प्रबल होना है। धस्माना ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि इस बार वनाग्नि में पिछले वर्षों की तुलना में बहुत अधिक नुकसान हुआ किंतु आपदा प्रबंधन सचिव कहीं नजर नहीं आए जिससे यह पता चलता है कि उनको राज्य की तो कोई चिंता है ही नहीं लेकिन उनको सरकार में भी किसी की परवाह नहीं है।
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