केदारनाथ धाम यात्रा पैदल मार्ग अतिवृष्टि से कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। जिस कारण सम्पूर्ण मार्ग में अलग-अलग स्थानो पर फंसे यात्रियों और स्थानीय लोगों को निकालने के लिए 01 अगस्त से रेस्क्यू अभियान चलाया गया। स्वयं जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग व पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग के निर्देशन में युद्धस्तर पर चले रेस्क्यू अभियान में हैलीकॉप्टर एवं रेस्क्यू टीमों (एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला आपदा प्रबन्धन, जिला पुलिस) के सहयोग से यात्रियों का रेस्क्यू किया जा रहा है।
आज सुबह से ही मैनुअल रेस्क्यू को पुनः गति दी गयी। हालांकि रेस्क्यू टीमों के द्वारा देर रात्रि तक भी पैदल आ रहे यात्रियों का रेस्क्यू कर उनको सुरक्षित ठिकानों पर ठहराया गया है।
लगातार चल रहे रेस्क्यू अभियान का नेतृत्व करते हुए आज प्रातःकाल जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने सोनप्रयाग क्षेत्रान्तर्गत पहुंचकर मैनुअल रेस्क्यू अभियान का जायजा लिया गया तथा रेस्क्यू अभियान में लगी टीमों को ब्रीफ कर स्वयं की सुरक्षा के साथ-साथ रेस्क्यू कार्य किये जाने के निर्देश दिए गए साथ ही सोनप्रयाग क्षेत्रान्तर्गत क्षतिग्रस्त मार्गों का जायजा लेकर मार्गों की मरम्मत किये जाने व अतिवृष्टि से हुए नुकसान का आंकलन करने हेतु सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
अब तक 2000 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू
आज अब तक लिंचोली एवं भीमबली से हैलीकॉप्टर से 510 यात्रियों को रेस्क्यू कर लिया गया है। वहीं एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला आपदा प्रबन्धन, जिला पुलिस की टीमों द्वारा सोनप्रयाग तक 1600 यात्रियों का सफल रेस्क्यू कर पैदल लाया गया है। एनडीआरएफ एवं स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा अस्वस्थ महसूस कर रहे यात्रियों का उपचार किया जा रहा है। जिला प्रशासन के स्तर से श्री केदारनाथ लिंचोली, भीमबली, जंगलचट्टी, गौरीकुण्ड, सोनप्रयाग में लगातार राहत सामाग्री, फूड पैकेट्स एवं भोजन व पानी उपलब्ध करवाया गया है।
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