उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान आज ही के दिन 1994 में मुज़फ्फरनगर में रामपुर तिराहा गोली कांड हुआ था। 1और 2 अक्टूबर की दरमियान रात निहत्थे आंदोलनकारियों पर गोलियां बरसाईं गई थी और महिला आंदोलनकारियों के साथ बर्बरता हुई थी। आज तक अपराधियों को सजा नहीं मिल पाई है। रामपुर तिराहा गोली कांड की बरसी पर उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के अमर शहीदों को कोटि कोटि नमन ,विनम्र श्रद्धांजलि।राज्य निर्माण के शहीद अमर रहें अमर रहें ।
कांग्रेस ने नेता सुरेंद्र अग्रवाल ने याद किया आंदोलन का संघर्ष
उत्तराखंड कांग्रेस के सीनियर नेता सुरेंद्र अग्रवाल ने भी राज्य आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। रामपुर तिराहा गोली कांड की बरसी पर उन्होंने शहीदों को याद किया है और आंदोलन के दिनों का संघर्ष याद किया है, सुरेंद्र अग्रवाल ने लिखा है क्या भूलूं क्या याद करूं संयुक्त संघर्ष समिति के गठन ,केन्द्रीय तथ्यात्मक समिति के संयोजक के रूप में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में केस दायर से लेकर सीबीआई ,मानवाधिकार आयोग तक संघर्ष करना पड़ा कई बार लाठी डंडे से घायल ,जेल यात्रा ,रामपुर तिराहे ,देहरादून का गोलीकांड के ख़ौफ़नाक मंजर स्मृति पटल पर अंकित हैं भुलाए नही भूलते ।
अभी भी राज्य की दिशा व दशा के लिए बहुत कुछ किया जाना बाक़ी है ,।राज्य निर्माण के लिए देखे सपने अधूरे हैं ।असमानता की खाई को कैसे पाटना है सवाल कई ज़हन में आज भी तैरतें हैं ।
राज्य निर्माण आन्दोलन के शहीद
8 अगस्त, 1994 को पौड़ी में जीतबहादुर गुरंग शहीद हुए
· 1 सितम्बर, 1994 के खटीमा कांड के शहीद धर्मानंद भट्ट, गोपीचन्द, रामपाल, भगवान सिंह सिरोला, प्रताप सिंह, परमजीत सिंह,सलीम अहमद और भुवन सिंह
2 सितम्बर, 1994 के मसूरी कांड के शहीद धनपत सिंह, बेलमती चौहान, रायसिंह बंगारी, हंसा धनाई, मदन मोहन ममगाई, बलवीर नेगी, जेठसिंह व उमाशंकर त्रिपाठी (डीएसपी)।
2 अक्टूबर, 1994 को दिल्ली में आयोजित रैली में भाग लेने जा रहे आन्दोलनकारियों में से रामपुर तिराहा (मुजफ्फरनगर) पर शहीद गिरीश कुमार भद्री सतेन्द्र सिंह चौहान, रवीन्द्र रावत, सूर्यप्रकाश थपलियाल, राजेश लखेड़ा और अशोक कुमार कोशिव
3 अक्टूबर, 1994 को भड़के आंदोलन के शहीद
देहरादून में राजेश रावत, दीपक वालिया, जयानंद बहुगुणा व बलवंत सिंह जंगवाण, कोटद्वार में पृथ्वीसिंह बिष्ट व राकेश देवरानी।
नैनीताल में प्रताप सिंह बिष्ट
10 नवंबर 1995 को श्रीयंत्र टापू. श्रीनगर में यशोधरा वैजवाल व राजेश रावत
संयुक्त संघर्ष समिति की तथ्यान्वतक समिति की मेरी रिपोर्ट के मुताबिक़ शहीदों की संख्या 44 है ।
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