उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी सीएम धामी के रवैये से बेहद खफा हैं। आंदोलनकारियों का आरोप है कि दोपहर एक बजे बैठक के लिए बुलाया गया था मगर अब तक मुलाकात नहीं हो पाई। राज्य आंदोलनकारी मंच की ओर से आज आंदोलनकारी की संयुक्त मुख्यमंत्री आवास घेराव की रैली आज लंबे धरने में तब्दील हो गई। कारण ये हुआ कि जब 12:00 बजे आंदोलनकारी वहां पर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया बाद में 1 घंटे के मुख्यमंत्री आवास का अधिकारियों से बातचीत के बाद अधिकारियों ने तमाम आंदोलनकारी के ग्रुप को शाम 6:00 बजे बैठक के लिए बुलाया आज के इस मुख्यमंत्री आवास घेराव में धीरेंद्र प्रताप, जगमोहन सिंह नेगी, प्रदीप कुकरेती, डॉक्टर विजेंद्र पोखरिया, सावित्री नेगी, कमला पांडे समेत सैकड़ों राज्य आंदोलनकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री आवास में एक घंटा बैठने के बाद मुख्यमंत्री बिना मिले चले गए आंदोलनकारी ने इसे आंदोलनकारी इतिहास का काला दिन बताया और कहा कि मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारियों का अपमान किया है लेकिन उसके बाद मुख्यमंत्री ने बड़े अधिकारियों को भेजा जिन्होंने शाम 6:00 बजे 12 अनुकरी नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया। अंतिम समाचार लिखे जाने तक आंदोलनकारी मुख्यमंत्री से बातचीत का इंतजार कर रहे थे इस बीच आंदोलनकारी मंच के प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती, धीरेंद्र प्रताप और डॉक्टर विजेंद्र पोखरियाल ने जारी एक संयुक्त वक्तव्य में मुख्यमंत्री आवास पर आंदोलनकारी के अपमान पर नाराजगी जताई उन्होंने कहा इतने मुख्यमंत्री हुए कभी आंदोलनकारियों का इस तरह से अपमान नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अगर 10 फ़ीसदी आरक्षण आंदोलनकारी पेंशन और आंदोलनकारी चिन्हीकरण पर सरकार ने जल्द निर्णय नहीं लिया आंदोलनकारी आगे की रणनीति पर काम करेंगे।
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