उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के 10 फीसदी आरक्षण का मुद्दा अभी भी नहीं सुलझा है। सरकार हर ब र दावा करती है मगर फैसला धरातल पर नहीं उतरता। आरक्षण से जुड़ा बिल लंबे अर्से से राजभवन में पैंडिंग है राज्यपाल के दस्तखत ना होने की वजह से लागू नहीं हो पा रहा। लिहाजा आंदोलनकारियों में आक्रोश है। इसी मसले पर कांग्रेस नेता धीरेंद्र प्रताप ने साफ किया है कि अगर सरकार मानने वाली नहीं है तो हम भी झुकने वाले नहीं हैं। धीरेंद्र प्रताप चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्ष हैं उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर राज्य सरकार आंदोलनकारियों के आरक्षण के सवाल पर राज्यपाल से हस्ताक्षर कराने वाली नहीं है और आंदोलनकारी की मांगों को मानने वाली नहीं है तो मुख्यमंत्री समझ लें कि आंदोलनकारी भी भी झुकने वाले नहीं हैं। देहरादून के शहीद स्मारक पर कचहरी स्थित सत्याग्रह को संबोधित करते हुए धीरेंद्र प्रताप ने तीखे तेवर दिखाए। इस सत्याग्रह में 10 फ़ीसदी आरक्षण को जल्दी अमलीजामा पहनाने की सरकार से मांग की जा रही है सत्याग्रह में धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि हम पहाड़ी हैं टूट सकते हैं मगर झुक नहीं सकते । उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों का धैर्य टूटने लगा है और ये गांधीवादी आंदोलन का अंतिम सत्याग्रह होगा उन्होंने कहा कि इसके बाद अगर कहीं कोई घटना घटती है तो उसकी जिम्मेदारी धामी सरकार की होगी । धीरेंद्र प्रताप हल्द्वानी में कल होने वाले राज्य अधिकारी सम्मेलन में भाग लेने के लिए जाते हुए यहां रुके थे ।
सरकार को आंदोलनकारियों का अल्टीमेटम
इस मौके पर आंदोलनकारी के नेता क्रांति कुकरेती ने कहा कि हम अपनी मांगों को लेकर कायम हैं और सरकार को इसमें झुकना ही होगा और सरकार आंदोलनकारी की बदौलत है ना कि सरकार की बदौलत आंदोलनकारी इस सत्याग्रह को उनके अलावा आंदोलनकारी परिषद के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र चौहान प्रसिद्ध आंदोलनकारी मोहन सिंह रावत सुनीता ठाकुर उर्मिला शर्मा समय अनेक आंदोलनकारी ने संबोधित किया इस मौके पर 1978 में जेल जाने वाले शीर्ष राज्य जानकारी और कश्मीर शांति मिशन के प्रमुख ओमप्रकाश डंगवाल भी वहां पर मौजूद थे उन्होंने तमाम राज्य आंदोलनकारी को आशीर्वाद देते हुए राज्य सरकार से राज्य आंदोलन करने वाले लोगों को जो जेल गए थे सरकार द्वारा सम्मानित करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा ये दुर्भाग्य का विषय है कि जो लोग स्वर्गीय श्रीमती सुमन लता भदोला आदि नेताओं के नेतृत्व में जेल गए थे सरकार ने उनका आज तक भी चिन्हीकरण करना वाजिब नहीं समझा। धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि 30 जून के सत्याग्रह में जब मुख्यमंत्री से आंदोलनकारी की बात हुई थी तो मुख्यमंत्री ने सत्याग्रहियों को विश्वास दिलाया था 1978 के आंदोलनकारियों को भी धीरेंद्र प्रताप की मदद से चिन्हित और उन सभी आंदोलनकारी को राज्य सरकार एक दिन मुख्यमंत्री आवास पर बुलाकर सम्मानित करेगी।
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