उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बार फिर मौन उपवास की चेतावनी दी है। हरीश रावत ने कहा है अघोषित_बिजली_कटौती से हरिद्वार का ग्रमीण क्षेत्र त्रस्त है। लोकसभा चुनाव में उन क्षेत्रों ने कांग्रेस का साथ दिया, शायद इसलिए उनको प्रताड़ित करना चाहते हैं और कितनी बड़ी विडंबना है कि मंगलौर विधानसभा क्षेत्र जहां उपचुनाव हो रहा है, वहां पूरे क्षेत्र के अंदर विद्युत कटौती एक बड़ा प्रश्न बन गया है?
जबकि सामान्य तौर पर राज्य सरकार इस बात का ध्यान रखती है कि जहां चुनाव हो रहे हैं वहां विद्युत कटौती आदि न हो उसका कारण है कि वहां कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक बनी रहे। लेकिन इस समय अघोषित विद्युत कटौती से सारा अंचल त्रस्त है। मैं जानता हूँ कि विद्युत निगम बड़ी मुश्किल से इस समय बिजली जुटा रहा है। मैंने लोगों से बिजली की बचत करने की तीन बार पहले भी अपील की है। मगर मुझे यह लगता है कि अघोषित विद्युत कटौती ग्रामीण क्षेत्रों के ऊपर एक अत्याचार है, किसान को इस समय सिंचाई करनी है, नहीं तो उसकी फैसलें खत्म हो जाएंगी और उसके ट्यूबवेल को बिजली मिलनी चाहिए। यदि सरकार ने एक हफ्ते के अंदर स्थिति नहीं सुधारी तो मैं चाहे आचार संहिता का उल्लंघन ही माना जाए, मंगलौर या रुड़की में कहीं भी, हो सकता है मैं अपने आवास पर में मौन उपवास रखूंगा, एकांगी उपवास रखूंगा ताकि कोई कानून उल्लंघन की स्थिति पैदा न हो, मैं किसी एक स्थान पर मौन उपवास रखूंगा।
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