मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में आयोजित देवभूमि रजत उत्सव 2025 कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने राज्य निर्माण में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले राज्य आंदोलनकारियों, मातृशक्ति को नमन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का ये रजत उत्सव एक उत्सव मात्र नहीं, बल्कि उन राज्य आंदोलनकारियों, माताओं-बहनों और युवाओं के प्रति अपनी भावांजलि अर्पित करने का पावन अवसर है, जिन्होंने उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना हेतु अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वर्ष 2000 में जब उत्तराखण्ड अस्तित्व में आया तब ये नवजात राज्य भौगोलिक कठिनाइयों, सीमित संसाधनों समेत अनेक चुनौतियों से घिरा हुआ था, लेकिन हमारी देवभूमि की जनता में ये अटूट विश्वास था कि कुछ भी हो जाए हम इस राज्य को आगे बढ़ाकर ही दम लेंगे। आज जब 25 वर्षों बाद हम पीछे मुड़कर देखते हैं, तो ये गर्व से कह सकते हैं कि इन वर्षों में उत्तराखण्ड न केवल इन चुनौतियों से लड़कर आगे बढ़ा, बल्कि आज विकास के नए मानक स्थापित कर रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड की पहचान केवल हमारी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता से ही नहीं, बल्कि हमारी समृद्ध संस्कृति, लोक परंपराओं और अटूट आस्था से भी है। ये देवभूमि रजत उत्सव उसी गौरवशाली विरासत का प्रतीक है, जो हमारी सांस्कृतिक आत्मा को जीवंत बना रहा है। यहां आयोजित प्रदर्शनी और विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से हम देश-दुनिया को ये संदेश देना चाहते हैं कि उत्तराखण्ड अपनी परंपराओं में रचा-बसा होने के साथ ही भविष्य की ओर भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज हम गांवों से लेकर शहरों तक, किसानों से लेकर युवाओं तक, मातृशक्ति से लेकर श्रमशक्ति तक, व्यापारियों से लेकर कर्मचारियों तक प्रत्येक क्षेत्र और वर्ग के लिए कई नई योजनाएं बनाकर प्रदेश का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित कर रहे हैं। आज प्रदेश में जहां एक ओर शहरों से लेकर सुदूर सीमावर्ती व पर्वतीय गांवों तक शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी जैसे सभी प्रमुख क्षेत्रों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की दिशा में सार्थक प्रयास किया जा रहा है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने चार वर्षों में लिए गए कठोर निर्णयों को जनहित के निर्णय बताया। उन्होंने धर्मांतरण विरोधी, सख्त दंगारोधी कानून, लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद सहित नकल विरोधी कानून का उल्लेख किया। इसके साथ ही समान नागरिक संहिता कानून, अवैध मदरसों पर की गई कार्यवाही सहित ऑपरेशन कालनेमि अभियान की भी चर्चा की। उन्होंने भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए ‘ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत की जा रही कार्यवाही की भी बात कही।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार के चहुंमुखी विकास को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार धर्मनगरी को काशी विश्वनाथ एवं उज्जैन महाकाल कॉरिडोर की भांति भव्य और दिव्य रूप देने हेतु हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर का निर्माण भी करा रहे हैं, जिसकी डीपीआर भी तैयार हो चुकी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि धर्मनगरी में वर्ष 2027 में आयोजित होने वाले कुंभ के लिए हम अभी से तैयारियों में जुट गए हैं। लेकिन, उनके संज्ञान में कुंभ के लिए किए जा रहे निर्माण कार्यों में कुछ अनियमितताएं बरतने की शिकायत आई है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि निर्माण कार्यों में लगे अधिकारियों व कार्यदायी संस्थाएं या तो गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य करें, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें। क्योंकि हमारी सरकार धर्मनगरी हरिद्वार को एक विश्वस्तरीय शहर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं।
हरिद्वार में आयोजित देवभूमि रजत उत्सव 2025 के दौरान आधुनिक तकनीक और परंपरा का संगम भी देखने को मिला, जब एक अत्याधुनिक एआई रोबोट ने मंच से “डिजिटल इंडिया” की सफलता की गाथा सुनाई। रोबोट ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे भारत आज विश्व का टेक्नोलॉजी हब बन चुका है ।

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