मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज 73वें राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का उद्घाटन किया। गौचर मेले में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेला उत्तराखण्ड के प्रमुख मेलों में से एक है। यह हमारी सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने का प्रभावी माध्यम होने के साथ-साथ स्थानीय आर्थिकी को भी सशक्त बनाता है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जहां एक ओर हमारी सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित किया जा रहा है,वहीं वोकल फॉर लोकल, मेड इन इंडिया जैसी योजना के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में प्रदेश में कई योजनाओं और नीतियों को सफलता पूर्वक लागू किया गया है, जिससे राज्य का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा आज तमाम परेशानियों और चुनौतियों के बाद भी हमारी मातृशक्ति द्वारा तैयार किये जा रहे उत्पाद बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भी पीछे छोड़ रहे हैं। उन्होंने आमजन से स्वदेशी अपनाने की अपील करते हुए कहा कि यदि हम स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देंगे तो हमारा यह कदम आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मजबूती प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के प्रयासों से आज उत्तराखण्ड फिल्म शूटिंग का बेस्ट डेस्टिनेशन बन रहा है। अब उत्तराखण्ड तेजी से वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।
मुख्यमंत्री ने गौचर में पिथौरागढ़ की तर्ज पर 18-सीटर हेलीसेवा प्रारम्भ किये जाने, नगर क्षेत्र के चार प्रमुख स्थलों पर पार्किंग सुविधाओं का विकास किये जाने और साकेत नगर – रघुनाथ मंदिर -चटवापीपल मोटर मार्ग निर्माण की घोषणा की। उन्होंने बताया की गौचर में स्टेडियम निर्माण हेतु धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है। शीघ्र ही इसका कार्य शुरू करवाया जायेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पत्रकारिता जगत में उत्कृष्ट कार्य करने वाले वरिष्ठ पत्रकार हरीश मैखुरी को गोविन्द प्रसाद नौटियाल पत्रकार सम्मान और शिक्षा के क्षेत्र में वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद डॉ. नन्द किशोर हटवाल को पंडित महेशानंद नौटियाल शिक्षा और साहित्य प्रसार सम्मान से सम्मानित किया।
क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल एवं मेला उपाध्यक्ष संदीप नेगी ने गौचर मेले का शुभांरभ करने पर मुख्यमंत्री का हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया और मुख्यमंत्री को क्षेत्र की समस्या से अवगत कराते हुए समस्याओं के निदान के लिए मांग पत्र भी सौंपा।
इससे पूर्व प्रसिद्ध गौचर मेले में पहले दिन ईष्ट रावल देवता की पूजा के बाद प्रातः स्कूली बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली। मेलाध्यक्ष द्वारा झंडारोहण कर मार्च पास्ट की सलामी ली गई। गौचर मेला मुख्य द्वार से चटवापीपल पुल तक एवं वापसी उसी रूट से होते हुए मुख्य मेला द्वार तक क्रास कण्ट्री दौड़ का आयोजन किया गया। खेल मैदान में बालक एवं बालिकाओं की दौड़, नेहरू चित्रकला प्रतियोगिता, शिशु प्रदर्शनी और शिक्षण संस्थाओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या पर रात्रि को डॉ. पम्मी नवल लोक गायिका द्वारा जागर संध्या की प्रस्तुति दी जाएगी। गौचर मेले में पारम्परिक पहाड़ी संस्कृति से सजा पंडाल मेलार्थियों के बीच खासे आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।

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