उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष के उपनेता भुवन कापड़ी ने आज सबको चौंका दिया। अध्यक्ष ऋतु खंडूरी की अध्यक्षता में चल रहे सत्र में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि हम पिछले पच्चीस वर्षों की उपलब्धियों का बखान तो खूब कर रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति बिल्कुल उलट है। पिछले पच्चीस वर्षों में हम उपलब्धियों और विकास के मामले में युवा नहीं हुए हैं, जैसा कि सत्ता पक्ष के विभिन्न वक्ताओं ने दावा किया है, बल्कि वास्तव में हम गले तक भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं।
कांग्रेस विधायक और विधानसभा में विपक्ष के उपनेता भुवन कापड़ी, जिन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हराकर उन्हें दूसरे निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतने पर मजबूर किया था, ने कहा कि अगर मैं अपना मुँह खोलूँगा तो सब कहेंगे कि मैंने क्या कहा, लेकिन सच्चाई यह है कि पिछले पच्चीस वर्षों में हमने भारी भ्रष्टाचार देखा है।
अपने बयान को पुष्ट करने के लिए भुवन कापड़ी ने सदन में जोरदार ढंग से चौंकाने वाले खुलासे करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार की शुरुआत हमसे ही होती है, जब हमारे विधायक विकास निधि से भी नौकरशाहों द्वारा कथित तौर पर पंद्रह प्रतिशत कमीशन काट लिया जाता है।
इस कठोर तथ्य को देखते हुए हम भ्रष्टाचार को कैसे रोक सकते हैं, इससे शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता, ऐसा विपक्ष के उपनेता और कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी ने कहा।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह उचित होगा कि हमें विधायक निधि का भुगतान पंद्रह प्रतिशत कमीशन अग्रिम रूप से काटकर ही किया जाए ताकि हम इस कथित भ्रष्टाचार का हिस्सा न बनें।
सदन में सभी सदस्य स्तब्ध थे और मंत्रियों और माननीय उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष की उपस्थिति में कांग्रेस विपक्ष के उपनेता के बयान पर किसी के पास चुप रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। श्री.
भुवन कापड़ी 9 नवंबर, 2000 को गठित अलग उत्तराखंड राज्य के पच्चीस वर्ष पूरे होने पर विपक्ष के उपनेता के रूप में अपना भाषण दे रहे थे।

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