दुकानों पर नाम और पहचान बताने के यूपी और उत्तराखंड सरकार के फरमान पर सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने साफ किया है कि दुकानदारों को अपना नाम लिखने की जरूरत नहीं है। देश की सबसे बड़ी अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए उत्तराखंड कांग्रेस प्रवक्ता डॉ.प्रतिमा सिंह ने बयान जारी करते हुए कहा कि भाजपा नीत सरकारें बिना सोचे-समझे जिस प्रकार तुगलकी फरमान जारी कर रही हैं उसमें भारत के सर्वोच्च न्यायालय को संविधान की रक्षा के लिए हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकारों के इस प्रकार के तर्कहीन निर्णयों के लिए मा. न्यायालय द्वारा बार-बार भाजपा सरकारों को लताड़ लगाई जा रही है परन्तु भाजपा धर्म के नाम पर राजनैतिक रोटियां सेकने की हरकतों से बाज नहीं आ रही है।
बीजेपी का मकसद धर्म की राजनीति करना- प्रतिमा सिंह
डॉ0 प्रतिमा सिंह ने कहा कि न्यायालय ने अपने नोटिस में भाजपा सरकारों से पूछा है की इस आदेश का क्या अर्थ है, सरकार ये कैसे तय करेगी की कोई अपनी दुकान पर मालिक या काम करने वाले का नाम लिखे, सिर्फ ये लिखना महत्वपूर्ण है कि यहां पर मांसाहारी खाना मिलता है या शाकाहारी तय ग्राहक को करना है कि वह क्या चाहता है, परन्तु भाजपा सरकारों द्वारा देश की जनता पर अपना राजनैतिक ऐजेंडा जबरन थोपा जा रहा है जिससे भारत की धर्म निरपेक्ष छबि पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सबका साथ सबका विकास का ढोल पीटने वाली भारतीय जनता पार्टी केवल धर्म के नाम पर लड़ाने की राजनीति करना चाहती है आम जनता के विकास से उसे कोई लेना देना नहीं है।
More Stories
करन माहरा ने मांगा सीएम धामी और गणेश जोशी का इस्तीफा लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
सीएम ने आईटीबीपी के हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान को दिखाई हरी झंडी
IMA की पासिंग आउट परेड श्रीलंका के आर्मी चीफ ने ली सलामी