21 April 2025

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फैक्ट फाइंडिंग के बाद हरीश रावत नाराज़!

फैक्ट फाइंडिंग के बाद हरीश रावत नाराज़!

उत्तराखंड कांग्रेस में लोकसभा चुनाव की हार की वजहों पर मंथन पूरा हो चुका है। कमेटी के अध्यक्ष पीएल पुनिया अपनी रिपोर्ट अब दिल्ली पेश करेंगे। मगर उससे पहले कांग्रेस में खटपट शुरू हो गई है। हार के लिए सीनियर नेताओं को जिम्मेदार बताए जाने की ख़बरों पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने नाराजगी जताई है। हरीश रावत ने आरोप लगाया है कि जानबूझकर मीडिया में ऐसी ख़बरें लीक कराई जा रही हैं जिससे सारा दोष सीनियर नेताओं पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। हरीश रावत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस सीनियर नेताओं को कार्यकर्ताओं की नज़र में गिराए जाने की कोशिश को निराशाजनक बताया है। हरीश रावत ने कहा है कि अब वक्त एकजुट होकर काम करने का है लेकिन फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में दिए गए सुझाव जिस तरीके से लीक किए गए वो सही नहीं है। हरीश रावत ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन पार्टी के ही कुछ नेताओं पर तंज कसा है।

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हरीश रावत की सोशल मीडिया पोस्ट

#मंगलौर और श्री #बद्रीनाथ के उपचुनाव के बाद कांग्रेस में एकजुटता का वातावरण बना। अब समाचार पत्रों में सिलेक्टिव लिक आ रही है कि फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को यह कहा गया कि #चुनाव में हारने का कारण वरिष्ठ नेताओं का चुनाव न लड़ना है। दूसरा कारण यह छपाया गया है कि पार्टी ने कमजोर उम्मीदवार खड़े किये और पीएससी के सुझावों को नहीं माना अन्यथा चुनाव के परिणाम सुखद होते। कांग्रेस का प्रत्येक छोटा बड़ा नेता अपने सुझाव देने देहरादून आया और कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने प्रत्येक दिन 8-8, 9-9 घंटे लगातार उन्हें सुना, इस सिलेक्टिव लिक विशेषज्ञ द्वारा इस तथ्य को प्रमुखता से नहीं छपवाया गया। वरिष्ठ नेताओं को कार्यकर्ताओं की नजर में गिराने से क्या पार्टी को लाभ होगा? मैं जानता हूं एक तथाकथित कमजोर कैंडिडेट हार के साथ ही ग्राम कांग्रेस के गठन में जुट गए हैं। कांग्रेस के पांचों उम्मीदवारों ने दुर्घर्ष से संघर्ष किया जिसके लिए उनकी प्रशंसा की जानी चाहिए थी। वरिष्ठ नेताओं के पास चुनाव न लड़ने के कुछ कारण होंगे, क्या उन्हें भी इसी प्रकार लिक का सहारा लेना चाहिए? जिस समय हम सब केदारनाथ बाबा का आशीर्वाद लेकर चुनावी विजय के लिए कमर कस रहे हैं, पार्टी के आंतरिक सुझावों को इस प्रकार सार्वजनिक करना उचित नहीं है।