नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने उत्तराखंड सरकार पर तीखा हमला बोला है। आर्य ने कहा कि उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी की आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच करने वाले विजिलेंस कोर्ट के जज का अचानक हुआ तबादला सवाल खड़ा करता है कि ये सामान्य प्रक्रिया के तहत या आनन फ़ानन में किया तबादला और कही ना कही सरकार की मंशा पर बड़े सवाल खड़ा करता है ।
विदित है कृषि मंत्री गणेश जोशी पर लगे आय से अधिक संपत्ति के आरोप के मामले में विशेष न्यायाधीश (विजिलेंस) की अदालत ने कुछ हफ्ते पहले ही विजिलेंस से पूछा था,कि क्या गणेश जोशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा सकता है? साथ ही न्यायालय की ओर से सतर्कता अधिष्ठान से इस संबंध में आख्या मांगी गई थी।
विजिलेंस ने इसके बाद राज्य सरकार को चिट्ठी लिखकर राज्य सरकार की राय मांगी थी,राज्य सरकार को अक्टूबर के दूसरे हफ्ते तक अपनी राय विजिलेंस को सौंपने थी , विजिलेंस ने उसके बाद कोर्ट को इस संबंध में अवगत कराना था,
कोर्ट में कहा गया कि भारतीय संविधान के अनुसार मंत्री परिषद कार्यपालिका की निर्णय लेने के लिए सर्वोच्च संस्था है। कोर्ट में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के नियमानुसार ऐसे मामलों में मुकदमा दर्ज करने के आदेश से पहले कैबिनेट के फैसले का तीन महीने तक इंतजार किया जाता है।
गणेश जोशी पर लगे आरोप अब भी अपनी जगह पर यथावत हैं, और सवाल भी कायम है। बस अब प्रदेश की जनता को इंतजार है तो धामी कैबिनेट की अनुमति का जिसकी अवधि मात्र 8 अक्टूबर तक है। प्रदेश की नज़र है ईडी और सीबीआई की जांच बैठाने वाली भाजपा सरकार अपने मंत्री पर उठे सवालों में पक्षपात नहीं करेगी और विजिलेंस विभाग को जांच की पूरी अनुमति देगी। अब देखना है कि मुख्यमंत्री इस गंभीर प्रकरण की जांच बैठाते हैं या नहीं।
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