पेपर लीक को लेकर देश भर में उठ रहे सवालों के बीच उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। यशपाल आर्य ने साफ किया कि सरकार सिर्फ लीपापोती कर रही है और लाखों बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि NEET घोटाले मे सरकार जितनी भी कोशिश कर ले – धाँधली, भ्रष्टाचार और शिक्षा माफ़िया को बढ़ावा देने की अपनी ज़िम्मेदारी से नहीं बच सकती !
3 तथ्य और 3 सवाल — जिनका जवाब मोदी सरकार को देना ही पड़ेगा !
तथ्य 1- पेपर लीक के विरूद्ध क़ानून Notify नहीं हुआ था, जब शिक्षा मंत्री की प्रेस वार्ता में उनसे इसके बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि ये क़ानून notify हो गया। 13 फ़रवरी 2024 में इस क़ानून को राष्ट्रपति जी का assent मिल गया था, पर क़ानून बीती रात को ही notify हुआ है।
सवाल – मोदी सरकार के शिक्षा मंत्री ने फ़िर ये झूठ क्यों बोला कि क़ानून notify हो गया है और विधि एवं न्याय मंत्रालय को उसके नियम बनाने ही रह गए हैं?
तथ्य 2- शिक्षा मंत्री पहले तो पेपर लीक को नकारते रहे, फ़िर जब गुजरात, बिहार, हरियाणा में गिरफ़तारियाँ हुईं, तब कह रहें हैं कि चूँकि कुछ जगहों पर स्थानीय तौर पर पेपर लीक हुए हैं, इसलिए दोबारा परीक्षा नहीं करा पाएंगे। जबकि तथ्य है कि 2015 में Pre-Medical Test में महज 44 छात्रों की संलिप्तता थी, तब भी सुप्रीम कोर्ट के कहने पर 6 लाख अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा दोबारा कराई गई।
सवाल – NEET पर भी माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर 0.001 भी घपला हुआ है तो वो कार्रवाई होनी चाहिए, पर मोदी सरकार परीक्षा दोबारा क्यों नहीं करवा रही, जबकि शिक्षा मंत्री ने “गड़बड़ी” की बात मान ली है?
तथ्य 3 – 9 दिनों में NTA ने 3 बड़ी परीक्षाएं रद्द या स्थगित की हैं। क़ानून पास करवाने के बाद भी भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में UP Police Recruitment and Promotion Board (UPPRPB) का पेपर लीक हुआ, जिसके तार गुजरात की एक कंपनी से जुड़े पाएं गए हैं।
सवाल – क्यों पेपर लीक के विरूद्ध क़ानून पास करवाने के बाद भी पेपर लीक हो रहें हैं? पिछले 7 सालों में जब 70 पेपर लीक हुए, तब मोदी सरकार ने उसपर कोई कड़ा क़दम क्यों नहीं उठाया।
नया क़ानून लाना केवल भाजपाई लीपापोती ही है।
जब तक शिक्षा प्रणाली व स्वायत्त संस्थानों को BJP-RSS की दखलंदाज़ी व दुष्प्रभाव से मुक्त नहीं किया जाएगा…
…तब तक ये धाँधली, चोरी, भ्रष्टाचार चलता रहेगा !
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