खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, उत्तराखण्ड की सख्ती का असर चारधाम यात्रा मार्गों और पर्यटन स्थलों में दिख रहा है। इस बार मिलावटी खाद्य पदार्थों और सामान पर काफी हद तक रोक लगी है। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देश में चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले ही विभाग ने व्यापक तैयारियां कर ली थी। रुद्रपुर और देहरादून में हाईटेक लैब होने से जांच में तेजी आई है। जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। जिसका असर मिलावटखोरों में भी दिख रहा है।
लगातार की जा रही निगरानी
आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि इस बार खाद्य विभाग ने यात्रा शुरू होने से पहले ही दो हजार से अधिक स्ट्रीट वेंडरों को राज्य के विभिन्न जनपदों में प्रशिक्षित किया है। पिछले 12 दिन में यात्रा मार्ग हरिद्वार-ऋषिकेश से केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के मार्गों में स्थित खाद्य प्रतिष्ठानों, होटल, रेस्टोरेंट, ढाबों आदि से कुल 601 नमूने लिए गए। मौके पर ही खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांची गई। इनमें से 72 नमूने (लगभग 12 प्रतिशत) परीक्षण में मानकों के अनुरूप सही नहीं मिले। जनवरी-मई 2024 तक 1763 नमूने लिए जा चुके हैं। जिनमें से प्राप्त जांच रिपोर्ट 1040 हैं और अधोमानक नमूनों की संख्या 60 है। जांच में दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ ही मुकदमें भी दर्ज किए जा चुके हैं। डॉ. आर राजेश कुमार ने आमजन से भी जागरूक होने की अपील की और किसी भी तरह की समस्या या शिकायत के लिए विभागीय टोल फ्री नम्बर 180018004246 पर जानकारी देने की बात कही। उन्होंने बताया कि देहरादून में बनी हाईटेक लैब में अत्याधुनिक मशीनों से जांच हो रही है। लैब में अब तक 2000 से अधिक सैंपलों की जांच हो चुकी है। विभाग ने नकली दवा कंपनियों पर कार्रवाई करते हुए विगत 03 साल में 72 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। इनमें से 32 लोग जेल जा चुके हैं।
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